Wednesday, 17 September 2014

दीपक तो अँधेरे में ही जला करते हैं

दीपक तो अँधेरे में ही जला करते हैं;
फूल तो काँटो में ही खिला करते हैं;
थक कर ना बैठ ऐ मंज़िल के मुसाफिर;
हीरे तो अक्सर कोयले में ही मिला करते हैं।

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